ऐसा मेरा देश हो धरती जैसा दिल हो सबका अम्बर जैसी सोच हो वायु जैसा वेग सबके तन मन मे हर रोज़ हो भारतवर्ष का बच्चा बूढ़ा अग्नि जैसा तेज़ हो ऐसा मेरा देश हो यारो ऐसा मेरा देश हो ज़िन्दगी का हर षंड हर पल जल जैसा हो शीतल शीतल फूल जैसा खिले धरा पर सबको समझे सब बराबर भारतवर्ष का बच्चा बूढ़ा सर्व साधारण भेष हो ऐसा मेरा देश हो यारो ऐसा मेरा देश हो लेख़क :-रौनकी कांडपाल लेखक :-रौनकी कांडपाल
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