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Showing posts from September, 2015

ऐसा मेरा देश हो

ऐसा मेरा देश हो  धरती जैसा दिल हो सबका  अम्बर जैसी सोच हो वायु जैसा वेग सबके तन मन मे हर रोज़ हो भारतवर्ष का बच्चा बूढ़ा  अग्नि जैसा तेज़ हो ऐसा मेरा देश हो यारो  ऐसा मेरा देश हो ज़िन्दगी का हर षंड हर पल  जल जैसा हो शीतल शीतल फूल जैसा खिले धरा पर  सबको समझे सब बराबर भारतवर्ष का बच्चा बूढ़ा  सर्व साधारण भेष हो ऐसा मेरा देश हो यारो  ऐसा मेरा देश हो  लेख़क :-रौनकी कांडपाल  लेखक :-रौनकी कांडपाल

सोने की चिड़ियाँ :-लेखक रौनकी कांडपाल

सोने की चिड़ियाँ  सोने की चिड़ियाँ भारत का कभी पुराना नाम था  आज़ादी से पहले जब अंग्रेजों का ग़ुलाम था  जगह जगह जंग छिड़ी थी खून ख़ून मे जोश था  आज भी आज़ाद भगत अमर हैं सुभाश चंद्र जो बोस था  गांधी चला रहे थे आंधी अहिंसा जिसका नाम था  आज़ादी से पहले जब अंग्रेजों का गुलाम था लक्ष्मी बाई  उत्तर कर आई झाँसी की थी जो रानी  अंग्रेजों को मारा उसने खुद दी अपनी कुर्बानी  गली गली मैं शोर मचा था घरों घरों मे कुहराम था  आज़ादी से पहले जब अंग्रेजो का ग़ुलाम था  छोटे छोटे कस्बों के सब योद्धा मिल कर आये थे  देख कर उनका मेल मिलाप गोर भी घबराये थे  भारत छोड़ो नारेबाजी सब का एक ही काम था  आज़ादी से पहले जब अंग्रेजों का ग़ुलाम था  लेखक :-रौनकी कांडपाल