तो हुआ अगर मैंने झूठ सिर्फ तुम्हें पाने के लिए कहा था?
तो क्या हुआ अगर तुम्हारे चेहरे के सिवा मुझे कोई और चेहरा दिखाई नहीं देता?
तो क्या हुआ अगर तुम्हारे नाम के सिवा मुझे कोई और नाम याद नहीं रहता?
तो क्या हुआ अगर ये आवारा तुम्हें दीवानों की तरह प्यार करता है?
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